अपने टीनएजर बच्चे के साथ ऑनलाइन अच्छी आदतें अपनाने का तरीका

NAMLE

माता-पिता अपने टीनएजर बच्चों को परेशानियों से बचाना चाहते हैं और उन्हें सुरक्षित रखना चाहते हैं. सिर्फ़ सुरक्षा पर ध्यान देने के बजाय, अगर हम घर पर मीडिया और टेक्नोलॉजी के ज़रिए अच्छे और उपयोगी संबंध बनाने पर ज़्यादा ध्यान दें, तो क्या होगा? आखिरकार, पिछले दशक में हमारी टेक्नोलॉजी और सूचनाओं के सिस्टम में जो बदलाव हुए हैं, उनका असर सिर्फ़ युवाओं पर नहीं, बल्कि हम सभी पर पड़ा है. हम सभी इस जटिल दुनिया को जानने की कोशिश कर रहे हैं. साथ ही, अगर हम सभी साथ मिलकर यह काम करने का तरीका निकाल लें, तो इसे समझना ज़्यादा आसान हो जाएगा.

अगर हम अपने घर में मीडिया का अच्छा माहौल बनाने पर ध्यान दें, तो इससे न सिर्फ़ हमारा परिवार ज़्यादा सुरक्षित रहेगा, बल्कि हम उन अवसरों का भी फ़ायदा उठा पाएँगे जो आए दिन टेक्नोलॉजी में होने वाले शानदार बदलावों के साथ हमें मिलते हैं.

यहाँ ऐसे 5 उपयोगी सुझाव दिए गए हैं, जिनकी मदद से हम घर में मीडिया के ज़रिए अच्छे संबंध बना सकते हैं:

  1. इस बारे में सोचें कि आप मीडिया का उपयोग कैसे करते हैं. क्या आपको स्क्रीन पर कम समय बिताना पसंद है? क्या मीडिया के उपयोग से आपका ध्यान भटकता है? क्या आप मोबाइल, सोशल मीडिया के उपयोग या दोस्तों को मैसेज करने की वजह से अपने बाकी कामों को टालते हैं? क्या आपको अपना मोबाइल अपने आस-पास रखना पसंद है? हम अक्सर मीडिया और टेक्नोलॉजी के उपयोग को लेकर टीनएजर बच्चों के बारे में राय बना लेते हैं, लेकिन अगर हम खुद की आदतों पर नज़र डालें, तो पता चलता है कि हमारी आदतें भी उनके जैसी ही हैं. ऐसा करके हम उन्हें समझ पाते हैं और उनसे हमदर्दी जता पाते हैं.
  2. घर में अपने मीडिया के उपयोग की जानकारी शेयर करें. हम अपने ज़्यादातर कामकाजी घंटे मीडिया से इंटरैक्ट करते हुए बिताते हैं, भले ही न्यूज़ पॉडकास्ट सुनना हो, खेल से जुड़े ईवेंट देखने हों, स्ट्रीम हो रही नई सीरीज़ देखनी हो या अपनी सोशल मीडिया फ़ीड स्क्रॉल करनी हो. हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में मीडिया की बड़ी भूमिका है. मीडिया के अपने उपयोग के बारे में अपने टीनएजर बच्चों से बात करने, पढ़ी गई मज़ेदार कहानियाँ या देखे गए मज़ाकिया वीडियो शेयर करने से वे भी इस बारे में खुलकर बात कर पाते हैं कि वे क्या देख रहे हैं, सुन रहे हैं या पढ़ रहे हैं.
  3. नोटिफ़िकेशन बंद करें. हम एक ऐसी ज़िंदगी जी रहे हैं जिसमें चौबीसों घंटे मीडिया की कुछ न कुछ दखलअंदाज़ी रहती है. हमें लगातार टेक्स्ट, ईमेल, सोशल मीडिया पोस्ट और ब्रेकिंग न्यूज़ से जुड़े नोटिफ़िकेशन आते रहते हैं और इससे थकावट महसूस हो सकती है.
    हम ऐसी दुनिया में हैं, जहाँ किसी चीज़ के होते ही हमें उसकी जानकारी चाहिए होती है, लेकिन इस तेज़ी से बदलती दुनिया में ऐसा होना असंभव है. साथ ही, इससे हमारा ध्यान काफ़ी हद तक भटक सकता है! आप नोटिफ़िकेशन बंद करके यह तय कर सकते हैं कि आपको न्यूज़ और अपडेट की जानकारी कब मिले. साथ ही, जब आप अपने लिए सीमाएँ तय करेंगे, तो आपके टीनएजर बच्चे भी समझ सकेंगे कि उनकी सीमाएँ क्या होनी चाहिए.
  4. अपनेपन के साथ मीडिया के बारे में बात करें. कभी-कभी हम अपने टीनएजर बच्चों से टेक्नोलॉजी के बारे में बात करते समय सिर्फ़ ऐसा कुछ बोलते हैं: “क्या तुम इसे एक सेकंड के लिए छोड़ सकते हो, ताकि मैं तुमसे बात कर सकूँ?” इसके बाद गुस्से वाला चेहरा बना लेते हैं. हम इससे बेहतर कर सकते हैं! परिवार के तौर पर टेक्नोलॉजी और मीडिया के बारे में अपने टीनएजर बच्चों से बात करने के कई तरीके हैं. पहली बात, टीनएजर बच्चे तकनीकी तौर पर माहिर होते हैं. वे नई तकनीक बहुत जल्दी सीखते हैं, इसलिए ऐसे विषयों पर उनसे मदद माँगे जिनसे नई टेक्नोलॉजी पर बात करने का सिलसिला शुरू हो सके. साथ ही, इससे उन्हें यह एहसास भी होगा की आप उनकी जानकारी का सम्मान करते हैं. दूसरी बात, अपने टीनएजर बच्चों से उनके पसंदीदा वीडियो गेम के बारे में बात करना या उस फ़ोटो की तारीफ़ करना जो उन्होंने हाल ही में पोस्ट की है, कुछ ऐसे तरीके हैं जिनके ज़रिए आप टेक्नोलॉजी के अच्छे पहलुओं के बारे में उनसे बातचीत कर सकते हैं. इस तरह, जब आपको उनके बारे में कोई चिंता ज़ाहिर करनी होगी, तो वे बिना झिझक आपसे बात कर पाएँगे.
  5. टेक्नोलॉजी के उपयोग से अलग अपने लिए थोड़ा समय निकालें. दिन में कुछ समय टेक्नोलॉजी का उपयोग न करना अच्छा होता है. टेक्नोलॉजी के बिना परिवार के साथ समय बिताने के तरीके सोचें. आप शायद रात के खाने के समय ऐसा कर सकते हैं. या फिर रविवार के दिन नाश्ते में पराठे खाते वक्त भी आप ऐसा कर सकते हैं. आप हर हफ़्ते में एक रात 30 मिनट साथ मिलकर लूडो खेल सकते हैं. टेक्नोलॉजी के लगातार उपयोग से दूर रहना परिवार के तौर पर एक-दूसरे से जुड़ने का सबसे बढ़िया तरीका हो सकता है. साथ ही, इससे आप टीनएजर बच्चों को यह भी समझा सकते हैं कि हर दिन कुछ मिनट के लिए अपना मोबाइल पास न रखकर भी हम एक अच्छा समय बिता सकते हैं.

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