ऑनलाइन सामाजिक तुलना और खुद की अच्छी छवि

Jed Foundation

दूसरों से अपनी तुलना करना इंसान का स्वभाव होता है. लेकिन ऐसे युवाओं के लिए ये तुलना तनाव से भरी हो सकती है, जो अपने होने का वजूद तलाश रहे हैं और इस बारे में जानना चाहते हैं कि वे इस दुनिया में कहाँ फ़िट बैठते हैं. चाहे वे क्लासरूम में हों, किसी स्पोर्ट्स टीम की हिस्सा हों या सोशल मीडिया का उपयोग कर रहे हों, टीनएजर बच्चे जान-बूझकर या अनजाने में, अपनी मौजूदगी, रिलेशनशिप, भावनाओं, लाइफ़ स्टाइल और स्किल या क्षमताओं की तुलना दूसरों से कर सकते हैं. अगर उन्हें लगता है कि वे मूल्यांकन नहीं करते हैं, तो यह भावनात्मक रूप से उनके जज़्बातों पर बुरा असर डाल सकता है. The Jed Foundation के The Jed Foundation रिसर्च का हवाला देते हैं, जिससे पता चलता है कि अनियंत्रित, लगातार नकारात्मक सामाजिक तुलना से आत्मसम्मान में कमी, अकेलापन, खुद के बारे में खराब सोच और ज़िंदगी में असंतोष की भावनाएँ पैदा हो सकती हैं.

The Jed Foundation ने सामाजिक तुलना को ऑनलाइन और ऑफ़लाइन, दोनों तरह से मैनेज करने के लिए निर्देश तैयार किए हैं. हम आपको प्रोत्साहित करते हैं कि आप इन सुझावों को अपने किशोरों के साथ शेयर करें और उन पर चर्चा करें, ताकि सोशल मीडिया से संबंधित उनकी भावनाओं को नियंत्रित करने में उन्हें मदद मिले और आप खुद के बारे में अच्छी सोच बनाने वाली आदतों को विकसित कर पाएँ.

सोशल मीडिया पर सामाजिक तुलना को मैनेज करना

  1. नज़रिया बनाए रखें. किसी व्यक्ति के जीवन में क्या चल रहा है, इस बारे में एक पोस्ट आपको सब कुछ नहीं बता सकती है. लोग खुशी की फ़ोटो दिखाने के लिए अपनी पोस्ट को फ़िल्टर या एडिट कर सकते हैं और अकाउंट को कभी-कभी सावधानी के साथ क्यूरेट किया जाता है, ताकि वे आपको वही दिखा सकें जो वे आपको दिखाना चाहते हैं. फ़ोटो और मैसेज देखते समय गहराई से सोचें और याद रखें कि जो आप दूसरों की पोस्ट में देखते हैं वह उनकी स्टोरी का एक छोटा-सा हिस्सा है.
  2. अपनी भावनाओं को व्यक्त करें. ध्यान दें कि अलग-अलग कंटेंट से आप कैसा महसूस करते हैं. कौन-सा कंटेंट आपको प्रेरित करता है और आपको अच्छा महसूस कराता है व किस कंटेंट का उल्टा असर पड़ता है? कंटेंट आपको कैसा महसूस कराता है, इस पर ध्यान केंद्रित करके आप अपने सोशल मीडिया का अनुभव इस तरह से बना सकते हैं जिससे आपको आनंद और फ़ायदा मिले.
  3. अकाउंट की नियमित रूप से देख-रेख करें. जिन अकाउंट को आप फ़ॉलो करते हैं उनकी लिस्ट देखें और किसी ऐसे अकाउंट को अनफ़ॉलो करने के बारे में सोचें जिससे आप बुरा महसूस करते हैं. समय-समय पर ऐसा करने से, आपको नए अकाउंट के लिए जगह मिल सकती है, जिससे आपका मनोबल बढ़ सकता है. अगर आप किसी अकाउंट को अनफ़ॉलो करने में सहज महसूस नहीं करते हैं, तो आप उन्हें म्यूट कर सकते हैं, जिससे आपको उनका कंटेंट देखने से रोक दिया जाएगा.
  4. सोशल मीडिया पर सामाजिक बनें. रीसर्च से पता चला है कि सोशल मीडिया का एक्टिव तरीके से उपयोग करने और कंटेंट व लोगों के साथ इंटरैक्ट करने से कनेक्शन व अपनेपन की भावना पैदा हो सकती है तथा आपका मिज़ाज अच्छा हो सकता है. अगर तुलना करें, तो सोशल मीडिया का निष्क्रिय उपयोग — खत्म न होने वाली स्क्रॉलिंग और दोस्तों व परिवार के साथ कोई इंटरैक्शन न होने से — आपका मनोबल तोड़ सकता है, आप अकेला महसूस कर सकते हैं या लोगों से खुद को दूर पा सकते हैं. सोशल मीडिया का उपयोग करते समय लोगों से कनेक्शन बनाए रखें. दोस्तों से संपर्क करें, खुशियाँ फैलाने वाले कंटेंट के साथ एंगेज हों और उन लोगों के साथ कनेक्शन बनाएँ जो आपके लिए मायने रखते हैं.
  5. ज़रूरत पड़ने पर ब्रेक लें. कभी-कभी, सबसे अच्छी सलाह यह होती है कि मोबाइल को रख दें या स्क्रीन से दूर चले जाएँ. हर कोई अलग है, इसलिए सोशल मीडिया पर कितना समय बिताना चाहिए, यह भी सभी के लिए अलग-अलग होता है, लेकिन ऐसे टूल हैं जिनकी मदद से आप संतुलन बना सकते हैं. अगर आप अपनी भावनाओं में डूबे हुए हैं और यह देखते हैं कि आप सोशल मीडिया पर होने से अपने बारे में बुरा महसूस कर रहे हैं, तो उससे दूर होना ही ठीक है.

सोशल मीडिया पर सकारात्मक सोच को सपोर्ट करना

  1. कंट्रोल रखें. रिसर्च से पता चलता है कि जब आपकी फ़ीड अलग-अलग संस्कृतियों, बैकग्राउंड और लोगों के रंग-रूप का विविध प्रतिनिधित्व दिखाती है, तो सोशल मीडिया दिलचस्प और फ़ायदेमंद रहता है. उन अकाउंट और लोगों को ढूँढें और उन्हें फ़ॉलो करें जो आपको प्रेरित, सपोर्ट और उत्सुक महसूस करने में मदद करते हैं.
  2. आप असल ज़िंदगी में कैसे हैं यह दिखाने वाला कंटेंट शेयर करें. आप जो भी शेयर करते हैं, उसका प्रभाव आप और आपकी पोस्ट देखने वाले लोगों, दोनों पर पड़ सकता है. पोस्ट करने से पहले: शेयर करने की वजह तलाशें? क्या मैं खुद के प्रति सच्चा हूँ? ऐसा कंटेंट बनाना और पोस्ट करना जो आपकी पूरी जानकारी देता है—आपका जुनून, शौक, सांस्कृतिक विरासत और क्वालिटी—आपके और आपके फ़ॉलोअर के लिए ज़्यादा सकारात्मक सोशल मीडिया अनुभव का परिणाम देगा.
  3. खुद को सकारात्मक और संवेदनशील विचारों से जोड़ें.सोशल मीडिया पर किसी और की क्यूरेट की गई फ़ोटो से अपनी तुलना करना, आपके लिए ठीक नहीं है. जब आप ऐसा कर रहे हों और खुद के बारे में अच्छे विचारों पर उस सोच को हावी होने देते हों, तो खुद को रोकें. उदाहरण के लिए, अगर सोशल मीडिया में तुलना करने से आपको अपने बारे में असहज महसूस हो रहा है, तो उन तीन चीज़ों को आज़माएँ और दोहराएँ जो आपको अपने बारे में पसंद हैं या तारीफ़ करने वाली हैं, जो अन्य लोगों ने आपको दी है.
  4. आभार व्यक्त करें. अपना ध्यान उन चीज़ों पर लगाने की कोशिश करें, जो आपके पास मौजूद हैं, बजाय इसके कि आपके पास जिस चीज़ की कमी है और उसके बारे में आप क्या महसूस करते हैं. इस तरह का आभार सभी के लिए स्वाभाविक रूप से नहीं आता है. यह बहुत अच्छी कोशिश हो सकती है, लेकिन यह रिवॉर्ड मिलने वाला काम है. यह नकारात्मक सामाजिक तुलना के प्रभावों को कम करने में मदद कर सकता है और इस बारे में अच्छा महसूस करने में आपकी मदद कर सकता है कि आप कहाँ हैं और आप कौन हैं.

अगर आपका टीनएजर बच्चा अपने बारे में कुछ अच्छा कहने का प्रयास कर रहा हो, तो आगे आएँ और उसे बताएँ कि आपको उसकी कौन-सी बात पसंद है! अपने टीनएजर बच्चे को प्रोत्साहित करें कि वह किसी दोस्त से सकारात्मक इनपुट के लिए कहे या इसे दूसरे तरीके से कहें, तो उससे पूछें: वह किस तरह की या कौन-सी अच्छी बातें ऐसे किसी और व्यक्ति को बताएगा जो अपने बारे में असहज महसूस कर रहा हो?

माता-पिता और गार्डियन के लिए आखिरी विचार

सामाजिक तुलना को जो प्रेरित करता है, वह निजी और बहुत बारीक चीज़ है. रिसर्च से पता चलता है कि हम ऑनलाइन कहाँ जाते हैं और हम हर एक प्लेटफ़ॉर्म पर क्या लाते हैं, (जैसे वहाँ रहने के लिए प्रेरणा, आत्मविश्वास का लेवल और उस दिन आप कैसा महसूस करते हैं) यह प्रभावित करता है कि हम कंटेंट पर किस तरह जवाब देते हैं. यहाँ तक ​​कि वही कंटेंट हमारे मिज़ाज, हालिया अनुभवों और ख़ास साइटों पर जाने के कारणों के आधार पर हमें अलग तरह का एहसास महसूस करा सकता है. इसका मतलब है कि ये सुझाव यूनिवर्सल नहीं हैं. साथ ही, ये सुझाव आपके किशोरों के साथ आगे की चर्चा के लिए गाइड के रूप में हैं.

किसी टीनएजर बच्चे के माता-पिता या गार्डियन के रूप में, हो सकता है कि सबसे ज़रूरी बात वह है जो आप करते हैं, जैसे कि चैट शुरू करना और उत्सुकता और आराम के साथ सुनना. उनकी यह समझने में मदद करें कि सोशल मीडिया पर होने से उन्हें कैसा महसूस होता है, इस पर ध्यान देना कितना ज़रूरी है. परेशान होना, यहाँ तक कि जब इस बात का एहसास भी न हो, इशारा करता है कि ये समय सोशल मीडिया से बाहर निकलने और कुछ मज़ेदार करने का है. अपने टीनएजर बच्चों को बताएँ कि आप उनके लिए ही हैं और आप हमेशा खुलकर चैट करने के लिए मौजूद हैं कि वे सोशल मीडिया (अच्छे, बुरे और बीच में सब कुछ!) के साथ कैसे एंगेज हो रहे हैं.

अपने टीनएजर बच्चों को बताएँ कि उनके लिए सोशल मीडिया पर देखने के लिए पहले से कहीं ज़्यादा चीज़ें मौजूद हैं. उन्हें बताएँ कि आप उनके बारे में क्या सोचते हैं और उनके व्यक्तित्व से कितने प्रभावित हैं, चाहे वे जैसे भी हैं. अगर आप अपने टीनएजर बच्चों में खुद के प्रति धैर्य की भावना विकसित कर पाते हैं, तो यह उनके जीवन भर काम आएगा.

आखिर में, अगर आप अपने टीनएजर बच्चे के बारे में लगातार चिंतित रहते हैं, तो जानें कि इस सफ़र में आपकी मदद करने के लिए और भी रिसोर्स हैं. यहाँ मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े भरोसेमंद रिसोर्स और प्रोवाइडर के बारे में जानें.

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