ऑनलाइन धमकी: एक निरंतर समस्या
टीनएजर बच्चों को धमकाने की घटनाएँ सिर्फ़ उनके स्कूल तक सीमित नहीं हैं. कई स्टूडेंट अपने क्लासमेट के संपर्क में रहने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग करते हैं, इसलिए आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि वे धमकियों या उत्पीड़न को ऑनलाइन भी महसूस कर सकते हैं.
ऑनलाइन धमकाने की घटना सोशल मीडिया, SMS, ऐप या यहाँ तक कि वीडियो गेम के ज़रिए भी हो सकती है. इसमें सीधे धमकी देने से लेकर किसी को डाँटने की घटना (बिना परमिशन के निजी जानकारी सार्वजनिक करने) या यहाँ तक कि अनचाहे या दुर्भावनापूर्ण आचरण तक सब कुछ शामिल हो सकता है.