क्या आप जानते हैं कि वैश्विक महामारी से पहले, अपने विपरित लिंग के साथियों के मुकाबले अमेरिका में LGBTQ+ युवाओं ने ऑनलाइन रोज़ाना 45 मिनट ज़्यादा समय बिताया? LGBTQ+ युवाओं ने इंटरनेट के माध्यम से अपनी पहचान छिपाकर और सुरक्षित तरीके से खुद को जागरूक करने और अपनी लैंगिक पहचान के बारे में जानने के लिए काफ़ी समय से टेक्नोलॉजी का उपयोग किया है. वैश्विक महामारी के दौरान, टेक्नोलाॅजी से LGBTQ+ युवाओं को क्वारंटाइन और आइसोलेशन की वजह से अकेलेपन को दूर करने में मदद मिली है. इससे LGBTQ+ युवाओं के ऑनलाइन बिताए जाने वाले समय में इज़ाफ़ा हुआ है. यह जानते हुए कि LGBTQ+ के युवा सामाजिक रूप से जुड़ने के लिए इंटरनेट का रुख कर रहे हैं, यहाँ उन चीज़ों की चेकलिस्ट दी गई है जिनका उपयोग करके वयस्क लोग LGBTQ+ युवाओं के ऑनलाइन अनुभवों को बेहतर बना सकते हैं.
1. सभी युवाओं/यूज़र्स के लिए बेहतर सुरक्षा, प्राइवेसी और सुरक्षा संबंधी सुझाव दें, लेकिन वे LGBTQ+ टीनएजर बच्चों के लिए खास तौर पर महत्वपूर्ण हों:
2. अन्य टीनएजर बच्चों के साथ-साथ अन्य प्रशिक्षित सपोर्ट प्रोफ़ेशनल्स के साथ होने वाली मॉडरेटेड चैट के ज़रिए LGBTQ+ युवाओं को उनके जैसे लोगों के साथ चैट करने का सुरक्षित तरीका दें.
ऐसे ऐप और चैट रूम जहाँ कंटेंट को मॉडरेट नहीं किया जाता है, वहाँ LGBTQ+ युवाओं की प्राइवेसी के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है, सोशल मीडिया पर उनकी लैंगिकता उजागर हो सकती है और डिवाइस की सुरक्षा का उल्लंघन हो सकता है. LGBTQ+ युवाओं को अन्य LGBTQ+ युवाओं के साथ कनेक्ट करने के साथ-साथ प्रशिक्षित सपोर्ट प्रोफ़ेशनल को ढूँढने के लिए कुछ ऑनलाइन विकल्प यहाँ दिए गए हैं:
3. उनका आत्मविश्वास बढ़ाकर खुद पर उनका भरोसा मजबूत करें.
LGBTQ+ टीनएजर बच्चे में आत्मविश्वास की कमी के कारण उन्हें ऑनलाइन धमकी, नशीली दवाओं के सेवन से लेकर मानव तस्करी तक, हर चीज़ के लिए ऑनलाइन टार्गेट किया जा सकता है. आगे दिए गए कुछ ऑनलाइन रिसोर्स के ज़रिए उनका आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद करें:
4. ऐसे लोगों या संगठनों से होने वाले उन संभावित खतरों की पहचान करें, जिन पर आप आम तौर पर भरोसा करते हैं.
LGBTQ+ युवाओं का फ़ायदा उठाया जा सकता है और उन्हें ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है, जिसमें खतरा हो. युवाओं के परिवार, ख़ास दोस्तों, गर्लफ़्रेंड-बॉयफ़्रेंड और यहाँ तक कि एंप्लॉयर की उनके लिए बढ़ती दिलचस्पी पर ध्यान दें. साथ ही, उनसे किसी भी ऐसे रिश्ते के बारे में बात करने से न डरें, जो नया हो या उनकी उम्मीद से परे हो.
5. सोशल मीडिया ऐप्स, टेक्स्ट मैसेजिंग, इंस्टेंट मैसेजिंग, ऑनलाइन चैटिंग (फ़ोरम, चैट रूम, मैसेज बोर्ड) और ईमेल के ज़रिए ऑनलाइन धमकी दी जा सकती है या ऑनलाइन परेशान किया जा सकता है.
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